5 Simple Statements About Shodashi Explained

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पद्माक्षी हेमवर्णा मुररिपुदयिता शेवधिः सम्पदां या

सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं

सच्चिद्ब्रह्मस्वरूपां सकलगुणयुतां निर्गुणां निर्विकारां

Charitable acts which include donating meals and apparel to your needy are integral to your worship of Goddess Lalita, reflecting the compassionate element of the divine.

The devotion to Goddess Shodashi is actually a harmonious blend of the pursuit of splendor and the quest for enlightenment.

चतुराज्ञाकोशभूतां नौमि श्रीत्रिपुरामहम् ॥१२॥

यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।

Around the 16 petals lotus, Sodhashi, that is the form of check here mom is sitting down with folded legs (Padmasana) removes all the sins. And fulfils all the needs along with her sixteen kinds of arts.

It is need that turns the wheel of karma,  and that retains us in duality.  It's Shodashi who epitomizes the  burning and sublimation of these wishes.  It is she who will allow the Functioning out of outdated  karmic designs, bringing about emancipation and soul freedom.

॥ अथ श्रीत्रिपुरसुन्दरीचक्रराज स्तोत्रं ॥

Goddess also has the name of Adi Mahavidya, which suggests the complete version of fact. In Vedic mantras, she's referred to as the Goddess who sparkles with the beautiful and pure rays of the Sunshine.

ह्रीं ह्रीं ह्रीमित्यजस्रं हृदयसरसिजे भावयेऽहं भवानीम् ॥११॥

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में

श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥

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